गुजरे गफलत में ना जिन्दगी, कर ले मालिक की तू बन्दगी, गुजरे गफलत में ना जिन्दगी, कर ले मालिक की तू बन्दगी।
कई जनम है यूं ही गंवाये, जनम मरण से ना छूट पाये, सतगुरु की शरण ना गहि, गुजरे गफलत में ना जिन्दगी, कर ले मालिक की तू बन्दगी।
झूठे साथी है झूठे है नाती, सिर्फ सतगुरु है धुर के साथी, नहीं किसी से हकीकत छिपी, गुजरे गफलत में ना जिन्दगी, कर ले मालिक की तू बन्दगी।
हर स्वांस प्रभु नाम ध्या ले, तू जीवन को सफल बना ले, सभी संतो का कहना यही, गुजरे गफलत में ना जिन्दगी, कर ले मालिक की तू बन्दगी।
मिला दासा सुनहरी यह अवसर, नहीं देवो को भी जो मुयस्सर, भक्ति कर प्राणी तू हर घड़ी, गुजरे गफलत में ना जिन्दगी, कर ले मालिक की तू बन्दगी।
गुजरे गफलत में ना जिन्दगी, कर ले मालिक की तू बन्दगी, गुजरे गफलत में ना जिन्दगी, कर ले मालिक की तू बन्दगी।
गुज़रे ग़फ़लत में न ज़िन्दगी | Guzre Gaflat Mein Na Zindagi
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