माँ राणीसती सुनले तेरो लाल बुलावे है भजन

माँ राणीसती सुनले तेरो लाल बुलावे है भजन

(मुखड़ा)

माँ राणीसती सुन ले,
तेरो लाल बुलावे है,
इब खोल तेरी मुट्ठी,
क्यों जी ने जलावे है,
माँ राणीसती सुन ले,
तेरो लाल बुलावे है।।
(अंतरा)

तेरे होतां, क्यों दादी,
टाबर तेरो तरसे,
बिन सावन-भादो के,
मेरी आँखड़ल्या बरसे।

क्यों देर करे, दादी,
मेरे सबर ना आवे है,
माँ राणीसती सुन ले,
तेरो लाल बुलावे है।।

चरना में अरज करूँ,
कल्याण करो मेरो,
मानो, नालायक हूँ,
पर टाबर हूँ तेरो।

माँ के बिन बेटे की,
कुण पीड़ मिटावे है,
माँ राणीसती सुन ले,
तेरो लाल बुलावे है।।

तेरी मुट्ठी में, दादी,
किस्मत है बंद मेरी,
इने खोल के, माँ, कर दे,
तकदीर बुलंद मेरी।

तेरे 'हर्ष' की सुन, दादी,
क्यों देर लगावे है,
माँ राणीसती सुन ले,
तेरो लाल बुलावे है।।
(अंतिम पुनरावृत्ति)

माँ राणीसती सुन ले,
तेरो लाल बुलावे है,
इब खोल तेरी मुट्ठी,
क्यों जी ने जलावे है,
माँ राणीसती सुन ले,
तेरो लाल बुलावे है।।
 


2021 का सबसे प्यारा भजन | खोल तेरी मुट्ठी | Swati Agarwal | Khol Teri Mutthi | Rani Sati Dadi Bhajanराणीसती से भक्त की भावनात्मक प्रार्थना है, जिसमें वह अपने दुखों को समाप्त करने की विनती करता है।
भक्त माँ के बिना अपनी असहायता व्यक्त करता है और उनके चरणों में कल्याण की अरज करता है।

Title :- Khol Teri Mutthi
Singer :- Swati Agarwal
Lyrics :- Vinod Agarwal Harsh

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