खुल गई किस्मत हमारी आपके दरबार में लिरिक्स Khul Gayi Kismat Hamari Lyrics
खुल गई किस्मत हमारी आपके दरबार में लिरिक्स Khul Gayi Kismat Hamari Lyrics
खुल गई किस्मत हमारी,आपके दरबार में,
मिल गई खुशियां भी सारी,
आपके दरबार में।
सदियों से भर्ती ही आई,
तेरे दर पे झोलियाँ,
सिलसिला अब भी है,
जारी आपके दरबार में,
मिल गई खुशियां भी सारी,
आपके दरबार में।
आपने इस कर विमन में,
प्यार इतना भर दिया,
मिट गई नफरत हमारी,
आपके दरबार में,
मिल गई खुशियां भी सारी,
आपके दरबार में।
बिन कारण और गुण अहम में,
बाबा मैं मदहोश था,
उत्तरी है सारी खुमारी,
आपके दरबार में,
मिल गई खुशियां भी सारी,
आपके दरबार में।
सांवरे हमें आपके बिन,
दूसरा ना आसरा,
सोनू का विश्वास भारी,
आपके दरबार में,
मिल गई खुशियां भी सारी,
आपके दरबार में।
खुल गई किस्मत हमारी,
आपके दरबार में,
मिल गई खुशियां भी सारी,
आपके दरबार में।