लाज रखो मेरे श्याम लिरिक्स Laaj Rakho Mere Shyam Lyrics

लाज रखो मेरे श्याम लिरिक्स Laaj Rakho Mere Shyam Lyrics



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बड़ी दूर से आया हूं,
सांवरे कहने दिल की बात,
लाज रखो मेरे श्याम,
मैं तो हूं दीन अनाथ,
कहा हो तुम दीनानाथ,
लाज रखो मेरे श्याम।

गम के थपेड़ों से,
हर दम ही हारा हूं,
अपनों में रह कर भी,
मैं बेसहारा हूं,
तुमसे ना कुछ भी छिपे है,
श्याम मेरे हालात,
लाज रखो मेरे श्याम।

दुनिया की आंखों में,
चुभने लगा हूं मैं,
अपने साये से ही,
डरने लगा हूं मैं,
आँखों से भी होने लगी,
अब अंसुओ की बरसात,
लाज रखो मेरे श्याम।

आंसू ही है केवल तुम्हें,
भेंट चढ़ाने को,
अब थाम लो आकर,
कान्हा दीवाने को,
झोली में मोहित की डाल दो,
प्रेम की सोगात,
लाज रखो मेरे श्याम।
यह भजन एक भक्त की श्याम बाबा से की गई प्रार्थना है। भक्त अपने जीवन में आ रहे दुखों और कष्टों से त्रस्त है। वह श्याम बाबा से अपनी लाज रखने की प्रार्थना करता है। वह कहता है कि वह एक दीन अनाथ है और श्याम बाबा ही उसके एकमात्र सहारे हैं। भक्त बताता है कि वह गम के थपेड़ों से हर दम हारा हुआ है। वह अपनों में रह कर भी बेसहारा महसूस करता है। वह कहता है कि श्याम बाबा से उसके हालात छिपे नहीं हैं।

 


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