सुबह सुबह जब भी मेरी आंखे खुलती है लिरिक्स Subah Subah Jab Bhi Meri Aankhe Lyrics

सुबह सुबह जब भी मेरी आंखे खुलती है लिरिक्स Subah Subah Jab Bhi Meri Aankhe Lyrics, Krishna Bhajan by Kanhaiya Mittal

 
सुबह सुबह जब भी मेरी आंखे खुलती है लिरिक्स Subah Subah Jab Bhi Meri Aankhe Lyrics, Krishna Bhajan by Kanhaiya Mittal

सुबह सुबह जब भी,
मेरी आंखे खुलती हैं,
आँखों के सामने बस,
आरती घुमती है,
मेरे इतर की खुशबू से,
ये दुनिया झूमती है,
ये दुनिया महकती है,
सुबह सुबह जब भी,
मेरी आंखे खुलती हैं,
आँखों के सामने,
बस आरती घुमती है।

श्रृंगार सुंदर सजा हुआ होता है,
प्रेमियों से मंदिर भरा हुआ होता है,
प्रेमी के दिल की बात कानो में गूंजती है,
सुबह सुबह जब भी,
मेरी आंखे खुलती हैं,
आँखों के सामने,
बस आरती घुमती है।

एक एक प्रेमी का काम बनेगा,
थोड़ा धीर रखना,
सबका जीवन सजेगा,
जब वो खाटू आते हैं,
उन्हें दुनिया ढूंढती हैं,
सुबह सुबह जब भी,
मेरी आंखे खुलती हैं,
आँखों के सामने,
बस आरती घुमती है।

घमंड ना भाता मुझको,
पाखंड ना भाता,
कोई भी कन्हैया,
बाकी खाली ना जाता,
हारे का सहारा हूँ,
ये दुनिया जानती है,
सुबह सुबह जब भी,
मेरी आंखे खुलती हैं,
आँखों के सामने,
बस आरती घुमती है। 
 
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