कब तक खुदा मेरे कब तक ए खुदावंद
कब तक खुदा मेरे कब तक
ए खुदा मुझ पे अपना कहर न दिखा
अब तो मुझ पे रहें कर की मै मेर चला
मुझ को दे दे शिफा
बेकरारी मेरी जाँ की बढती रहेगी
कब तक खुदा मेरे कब तक
ए खुदावंद तू अब मेरी जां को छुडा
अपनी रहमत की खातिर से मुझ को बचा
मर के कैसे करूँगा तुझे याद मै
कब्र में शुक्र कैसे करूँगा अदा
मै तो करहाते करहाते थक ही गया
और कब तक खुदा मेरे कब तक
मेरे बिस्तर पे है आंसुओं की नमी
मेरी आँखे भी रो रो के जाती रही
ए मेरे दुश्मनों तूम ये सुनलो ज़रा
मेरे मालिक ने सुनली है मेरी दुआ
है वो दुश्मन मेरे बेकरार और शर्मिंदा
रहमत खुदा तेरी रहमत
ए खुदा मुझ पे अपना कहर न दिखा
अब तो मुझ पे रहें कर की मै मेर चला
मुझ को दे दे शिफा
बेकरारी मेरी जाँ की बढती रहेगी
कब तक खुदा मेरे कब तक
ए खुदावंद तू अब मेरी जां को छुडा
अपनी रहमत की खातिर से मुझ को बचा
मर के कैसे करूँगा तुझे याद मै
कब्र में शुक्र कैसे करूँगा अदा
मै तो करहाते करहाते थक ही गया
और कब तक खुदा मेरे कब तक
मेरे बिस्तर पे है आंसुओं की नमी
मेरी आँखे भी रो रो के जाती रही
ए मेरे दुश्मनों तूम ये सुनलो ज़रा
मेरे मालिक ने सुनली है मेरी दुआ
है वो दुश्मन मेरे बेकरार और शर्मिंदा
रहमत खुदा तेरी रहमत
Anil Kant- Kab Tak from Ibadat Karo | Psalm 6
