भोले तेरी हरी भंगिया लगे प्यारी प्यारी

भोले तेरी हरी भंगिया लगे प्यारी प्यारी

 रे भोले, तेरी हरी भंगिया ये धीरे-धीरे तड़पी जावे।।
ये लागे प्यारी-प्यारी, ये लागे प्यारी-प्यारी।।

जब इस भांग को पीता मेरा भोला भंडारी।।
फिर मस्ती में नाचे और देखे दुनिया सारी।।
और फिर कांवड़िया कांधे, कांवड़ उठावे।।
ये लागे प्यारी-प्यारी, ये लागे प्यारी-प्यारी।।

सावन के महीने में जब-जब भी कांवड़ आवे।।
नीलकंठ पर्वत पे भोला मंद-मंद मुस्कावे।।
भोले, तेरी सूरतियां मेरे मन को बड़ी भावे।।
ये लागे प्यारी-प्यारी, ये लागे प्यारी-प्यारी।।

तेरे डमरू की धुन सुन के हो गया मेरा भी दीवाना।।
तू मेरा, मैं तेरा, जाए भाड़ में सारा जमाना।।
रे भोले, तेरी हरी भंगिया पी के मस्ती छावे।।
ये लागे प्यारी-प्यारी, ये लागे प्यारी-प्यारी।।


2020 सावन महाशिवरात्रि स्पेशल कावड़ DJ भजन | भोले तेरी हरी भंगिया लगे प्यारी प्यारी। New Shiv Bhajan
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