कान्हा रोज रोज तुमको सजाता रहूँ

कान्हा रोज रोज तुमको सजाता रहूँ

कान्हा, रोज-रोज तुमको सजाता रहूं और मनाता रहूं।।
पर भजन में कभी कुछ कमी हो नहीं।।

दुग्ध-दधि-जल-शहद से नहलाया करूं।।
रेशमी वस्त्र सुंदर पहनाया करूं।।
तेरे नयनों में कजरा लगाता रहूं, गीत गाता रहूं।।
पर भजन में कभी कुछ कमी हो नहीं।। कान्हा...

कुंकुम-केसर का चंदन लगाऊं तुझे।।
पुष्पमाला मैं सुंदर पहनाऊं तुझे।।
पग में पैजनियां सुंदर पहनाता रहूं और नचाता रहूं।।
पर भजन में कभी कुछ कमी हो नहीं।। कान्हा...

प्यार से सुंदर व्यंजन खिलाऊं तुझे।।
दुग्ध में मिश्री-केसर पिलाऊं तुझे।।
तेरी सेवा में तन-मन लगाता रहूं, मुस्कुराता रहूं।।
पर भजन में कभी कुछ कमी हो नहीं।। कान्हा...

साथ में गाकर लोरी सुलाऊं तुझे।।
प्यारा-सा गीत गा के जगाऊं तुझे।।
कांत, सपनों में भी मैं सजाता रहूं और मनाता रहूं।।
पर भजन में कभी कुछ कमी हो नहीं।। कान्हा...


श्याम भजन :कान्हा रोज रोज तुमको सजाता रहूँ!!दासानुदास श्रीकान्त दास जी महाराज!!स्वरःसियाराम जी ।
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