अपने भगत से कितना मां प्यार करती है
अपने भगत से कितना मां प्यार करती है
रहती है पहाड़ो में पर ध्यान रखती है
अपने भगत से कितना मां प्यार करती है
सोने का सिंहासन मां छोड़ कर आये
सोने का सिंहासन मां छोड़ कर आये
मझधार में हो नैया मां पार करती है
रहती है पहाड़ो में पर ध्यान रखती है
अपने भगत से कितना मां प्यार करती है
हम मांगते रहते वो भेजती रहती
भगतो की हालत को मां देखती रहती
भगतों की खाली झोली हर बार भरती है
रहती है पहाड़ो में पर ध्यान रखती है
अपने भगत से कितना मां प्यार करती है
कर्जा तुम्हारा मां कैसे उतरेंगे
मां तेरी सेवा में जीवन गुज़ारेंगे
गर्दन झुकी है मेरी आँखें बरसती है
रहती है पहाड़ो में पर ध्यान रखती है
अपने भगत से कितना मां प्यार करती है
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