नीयत तेरी अच्छी है तो घर में मथुरा काशी है लिरिक्स Niyat Teri Achi Hai To Ghar Me Mathura Kashi Hai Lyrics
कर्म तेरे अच्छे है तो किस्मत तेरी दासी है,
नीयत तेरी अच्छी है तो घर में मथुरा काशी है,
कर्म तेरे अच्छे है तो किस्मत तेरी दासी है,
नीयत तेरी अच्छी है तो घर में मथुरा काशी है,
नीयत तेरी अच्छी है तो घर में मथुरा काशी है,
कर ना सको गर पुण्य कोई तो,
कम से कम मत पाप करो,
दिल को चोट पहुँच जाए,
मत ऐसा क्रिया कलाप करो,
कर ना सको गर पुण्य कोई तो,
कम से कम मत पाप करो,
दिल को चोट पहुँच जाए,
मत ऐसा क्रिया कलाप करो,
ईर्ष्या द्वेष नहीं करता जो,
वो भी हस्त सन्यासी है,
नीयत तेरी अच्छी है तो घर में मथुरा काशी है,
नीयत तेरी अच्छी है तो घर में मथुरा काशी है,
झूठ मत कभी कहो किसी से,
हरदम सच की राह चलो,
बेईमानी से दूर रहो तूम,
होकर बेपरवाह चलो,
झूठ मत कभी कहो किसी से,
हरदम सच की राह चलो,
बेईमानी से दूर रहो तूम,
होकर बेपरवाह चलो,
ईश्वर अपनी संतानों से,
सदगुण का अभिलाषी है,
नीयत तेरी अच्छी है तो घर में मथुरा काशी है,
नीयत तेरी अच्छी है तो घर में मथुरा काशी है,
लूट खसोट करो मत हरगिज,
क्या लेकर तुम जाओगे,
गला काट कर इंसानों का,
आखिर क्या तुम पाओगे,
लूट खसोट करो मत हरगिज,
क्या लेकर तुम जाओगे,
गला काट कर इंसानों का,
आखिर क्या तुम पाओगे,
रोता है सत्येंद्र अनुज जो,
लोलुप और विलासी है,
नीयत तेरी अच्छी है तो घर में मथुरा काशी है,
नीयत तेरी अच्छी है तो घर में मथुरा काशी है,
कर्म तेरे अच्छे है तो किस्मत तेरी दासी है,
नीयत तेरी अच्छी है तो घर में मथुरा काशी है,
कर्म तेरे अच्छे है तो किस्मत तेरी दासी है,
नीयत तेरी अच्छी है तो घर में मथुरा काशी है,
नीयत तेरी अच्छी है तो घर में मथुरा काशी है,
नीयत तेरी अच्छी है तो घर में मथुरा काशी है,
कर्म तेरे अच्छे है तो किस्मत तेरी दासी है,
नीयत तेरी अच्छी है तो घर में मथुरा काशी है,
नीयत तेरी अच्छी है तो घर में मथुरा काशी है,
कर ना सको गर पुण्य कोई तो,
कम से कम मत पाप करो,
दिल को चोट पहुँच जाए,
मत ऐसा क्रिया कलाप करो,
कर ना सको गर पुण्य कोई तो,
कम से कम मत पाप करो,
दिल को चोट पहुँच जाए,
मत ऐसा क्रिया कलाप करो,
ईर्ष्या द्वेष नहीं करता जो,
वो भी हस्त सन्यासी है,
नीयत तेरी अच्छी है तो घर में मथुरा काशी है,
नीयत तेरी अच्छी है तो घर में मथुरा काशी है,
झूठ मत कभी कहो किसी से,
हरदम सच की राह चलो,
बेईमानी से दूर रहो तूम,
होकर बेपरवाह चलो,
झूठ मत कभी कहो किसी से,
हरदम सच की राह चलो,
बेईमानी से दूर रहो तूम,
होकर बेपरवाह चलो,
ईश्वर अपनी संतानों से,
सदगुण का अभिलाषी है,
नीयत तेरी अच्छी है तो घर में मथुरा काशी है,
नीयत तेरी अच्छी है तो घर में मथुरा काशी है,
लूट खसोट करो मत हरगिज,
क्या लेकर तुम जाओगे,
गला काट कर इंसानों का,
आखिर क्या तुम पाओगे,
लूट खसोट करो मत हरगिज,
क्या लेकर तुम जाओगे,
गला काट कर इंसानों का,
आखिर क्या तुम पाओगे,
रोता है सत्येंद्र अनुज जो,
लोलुप और विलासी है,
नीयत तेरी अच्छी है तो घर में मथुरा काशी है,
नीयत तेरी अच्छी है तो घर में मथुरा काशी है,
कर्म तेरे अच्छे है तो किस्मत तेरी दासी है,
नीयत तेरी अच्छी है तो घर में मथुरा काशी है,
कर्म तेरे अच्छे है तो किस्मत तेरी दासी है,
नीयत तेरी अच्छी है तो घर में मथुरा काशी है,
नीयत तेरी अच्छी है तो घर में मथुरा काशी है,
घर ही मथुरा काशी है - Ghar Hi Mathura Kashi Hai - Satyendra Pathak -Nirgun Bhajan - Ambey bhakti
karm tere achchhe hai to kismat teree daasee hai,
neeyat teree achchhee hai to ghar mein mathura kaashee hai,
karm tere achchhe hai to kismat teree daasee hai,
neeyat teree achchhee hai to ghar mein mathura kaashee hai,
neeyat teree achchhee hai to ghar mein mathura kaashee hai,
kar na sako gar puny koee to,
kam se kam mat paap karo,
dil ko chot pahunch jae,
mat aisa kriya kalaap karo,
kar na sako gar puny koee to,
kam se kam mat paap karo,
dil ko chot pahunch jae,
mat aisa kriya kalaap karo,
eershya dvesh nahin karata jo,
vo bhee hast sanyaasee hai,
neeyat teree achchhee hai to ghar mein mathura kaashee hai,
neeyat teree achchhee hai to ghar mein mathura kaashee hai,
jhooth mat kabhee kaho kisee se,
haradam sach kee raah chalo,
beeemaanee se door raho toom,
hokar beparavaah chalo,
jhooth mat kabhee kaho kisee se,
haradam sach kee raah chalo,
beeemaanee se door raho toom,
hokar beparavaah chalo,
eeshvar apanee santaanon se,
sadagun ka abhilaashee hai,
neeyat teree achchhee hai to ghar mein mathura kaashee hai,
neeyat teree achchhee hai to ghar mein mathura kaashee hai,
loot khasot karo mat haragij,
kya lekar tum jaoge,
gala kaat kar insaanon ka,
aakhir kya tum paoge,
loot khasot karo mat haragij,
kya lekar tum jaoge,
gala kaat kar insaanon ka,
aakhir kya tum paoge,
rota hai satyendr anuj jo,
lolup aur vilaasee hai,
neeyat teree achchhee hai to ghar mein mathura kaashee hai,
neeyat teree achchhee hai to ghar mein mathura kaashee hai,
karm tere achchhe hai to kismat teree daasee hai,
neeyat teree achchhee hai to ghar mein mathura kaashee hai,
karm tere achchhe hai to kismat teree daasee hai,
neeyat teree achchhee hai to ghar mein mathura kaashee hai,
neeyat teree achchhee hai to ghar mein mathura kaashee hai,
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