कर्म तेरे अच्छे है तो किस्मत तेरी दासी है, नीयत तेरी अच्छी है तो घर में मथुरा काशी है, कर्म तेरे अच्छे है तो किस्मत तेरी दासी है, नीयत तेरी अच्छी है तो घर में मथुरा काशी है, नीयत तेरी अच्छी है तो घर में मथुरा काशी है,
कर ना सको गर पुण्य कोई तो, कम से कम मत पाप करो, दिल को चोट पहुँच जाए, मत ऐसा क्रिया कलाप करो,
कर ना सको गर पुण्य कोई तो, कम से कम मत पाप करो, दिल को चोट पहुँच जाए, मत ऐसा क्रिया कलाप करो, ईर्ष्या द्वेष नहीं करता जो, वो भी हस्त सन्यासी है, नीयत तेरी अच्छी है तो घर में मथुरा काशी है, नीयत तेरी अच्छी है तो घर में मथुरा काशी है,
झूठ मत कभी कहो किसी से, हरदम सच की राह चलो, बेईमानी से दूर रहो तूम, होकर बेपरवाह चलो,
devotional Bhajan Lyrics in Hindi
झूठ मत कभी कहो किसी से, हरदम सच की राह चलो, बेईमानी से दूर रहो तूम, होकर बेपरवाह चलो, ईश्वर अपनी संतानों से, सदगुण का अभिलाषी है, नीयत तेरी अच्छी है तो घर में मथुरा काशी है, नीयत तेरी अच्छी है तो घर में मथुरा काशी है,
लूट खसोट करो मत हरगिज, क्या लेकर तुम जाओगे, गला काट कर इंसानों का, आखिर क्या तुम पाओगे,
लूट खसोट करो मत हरगिज, क्या लेकर तुम जाओगे, गला काट कर इंसानों का, आखिर क्या तुम पाओगे, रोता है सत्येंद्र अनुज जो, लोलुप और विलासी है, नीयत तेरी अच्छी है तो घर में मथुरा काशी है, नीयत तेरी अच्छी है तो घर में मथुरा काशी है, कर्म तेरे अच्छे है तो किस्मत तेरी दासी है, नीयत तेरी अच्छी है तो घर में मथुरा काशी है, कर्म तेरे अच्छे है तो किस्मत तेरी दासी है, नीयत तेरी अच्छी है तो घर में मथुरा काशी है, नीयत तेरी अच्छी है तो घर में मथुरा काशी है,
घर ही मथुरा काशी है - Ghar Hi Mathura Kashi Hai - Satyendra Pathak -Nirgun Bhajan - Ambey bhakti