ऐसा क्या जादू कर डाला मुरली भजन

ऐसा क्या जादू कर डाला मुरली जादूगरी ने भजन

ऐसा क्या जादू कर डाला मुरली जादूगरी ने Aisa Kya Jadu Kar Dala Murali Lyrics
 
ऐसा क्या जादू कर डाला मुरली जादूगरी ने
किस कारण से संग में मुरली राखी है गिरधारी ने
बांस के एक टुकड़े में देखा ऐसा क्या बनवारी ने
किस कारण से संग में मुरली राखी है गिरधारी ने
कभी हाथ में कभी कमर में कभी आधार में सजते है
मोहन की साँसों की थिरकन से पल में यह बजती है
काहे इतना मान दिया है बंशी को गिरवर धारी ने
किस कारण से संग में मुरली राखी है गिरधारी ने
इक पल में मुरली दूर नहीं सांवरिया के हाथो से
रास नहीं रचता इसके बिन वो पूनम की रातों में
काहे को सौतन कह डाला इसको राधा रानी ने
किस कारण से संग में मुरली राखी है गिरधारी ने
अपने कुल से अलग हुई और अंग अंग कटवाया है
गर्म सलाखों से हाय मैंने रोम रोम बिंदवाया है
तब जाकर ये मान दिया बंशी को कृष्णा मुरारी ने
किस कारण से संग में मुरली राखी है गिरधारी ने


ऐसा क्या जादू कर डाला | मनमोहक कृष्ण भजन by आचार्य बल व्यास विवेक जी महाराज | Audio


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