फागण आयो रे चलो बाबा के दरबार जी लिरिक्स Fagan Aayo Re Chalo Baba Ke Darbaar Ji Lyrics
फागण आयो रे चलो बाबा के दरबार जी लिरिक्स Fagan Aayo Re Chalo Baba Ke Darbaar Ji Lyrics
फागण आयो रंग रंगीलो,
पड़े रंग की फुहार,
इत्र सुगंध महक रह्यो,
म्हारो श्याम धणी को दरबार।
फागण आयो रे चलो बाबा के दरबार जी,
फागण आयो फागण देखो रंग रंगीलो,
फागण आयो रे चलो बाबा के दरबार जी।
फागण मास है जैसे आये मन में उठे उमंग जी,
साँवरिया से होली खेलन आते सभी हैं संग जी,
खाटू में बैठा सांवरिया सब को दर्शन देता,
जो भी इसके दर आ जाता दुखङे सब हर लेता,
फागण आयो रे चलो बाबा के दरबार जी।
पचरंगी भागे में बाबा सबको लगता प्यारा,
चम्पा चमेली का गजरा देखो लगदा कितना न्यारा,
रंग गुलाल उड़ाते आते देखो सब नर नारी,
इतर की खुश्बू से महके है अरे खाटू नगरी सारी,
फागण आयो रे चलो बाबा के दरबार जी।
बाबा के निशान जो प्रेमी फागुन में है चढ़ाते,
आशीर्वाद मिले बाबा का हर मौज उड़ाते,
कहे अनिल केशव मिल कर बाबा को रंग लगाना,
रंग लगा कर मारुती संग सब को भजन सुनाना,
फागण आयो रे चलो बाबा के दरबार जी।
पड़े रंग की फुहार,
इत्र सुगंध महक रह्यो,
म्हारो श्याम धणी को दरबार।
फागण आयो रे चलो बाबा के दरबार जी,
फागण आयो फागण देखो रंग रंगीलो,
फागण आयो रे चलो बाबा के दरबार जी।
फागण मास है जैसे आये मन में उठे उमंग जी,
साँवरिया से होली खेलन आते सभी हैं संग जी,
खाटू में बैठा सांवरिया सब को दर्शन देता,
जो भी इसके दर आ जाता दुखङे सब हर लेता,
फागण आयो रे चलो बाबा के दरबार जी।
पचरंगी भागे में बाबा सबको लगता प्यारा,
चम्पा चमेली का गजरा देखो लगदा कितना न्यारा,
रंग गुलाल उड़ाते आते देखो सब नर नारी,
इतर की खुश्बू से महके है अरे खाटू नगरी सारी,
फागण आयो रे चलो बाबा के दरबार जी।
बाबा के निशान जो प्रेमी फागुन में है चढ़ाते,
आशीर्वाद मिले बाबा का हर मौज उड़ाते,
कहे अनिल केशव मिल कर बाबा को रंग लगाना,
रंग लगा कर मारुती संग सब को भजन सुनाना,
फागण आयो रे चलो बाबा के दरबार जी।
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