जननी मैं ना जीऊँ बिन राम Janani Main Na Jiu Bin Raam Lyrics Ram Bhajan Lyrics Hindi. तुलसीदास जी द्वारा रचित भजन।
जननी मैं न जीऊँ बिन राम,राम लखन सिया वन को सिधाये (गमन),
(पिता) राउ गये सुर धाम,
जननी मैं न जीऊँ बिन राम।
कुटिल कुबुद्धि कैकेय नंदिनि,
बसिये न वाके ग्राम,
जननी मैं न जीऊँ बिन राम,
प्रात भये हम ही वन जैहैं,
अवध नहीं कछु काम,
जननी मैं न जीऊँ बिन राम,
तुलसी भरत प्रेम की महिमा,
रटत निरंतर नाम,
जननी मैं न जीऊँ बिन राम।
राम लखन सिया वन को सिधाए,
राउ गये सुर धाम,
जननी मैं न जीऊँ बिन राम।
कुटिल कुबुद्धि कैकेय नंदिनि,
बसिये ना वाके ग्राम,
जननी मैं न जीऊँ बिन राम।
प्रात भये हम ही वन जैहैं,
अवध नहीं कछु काम
जननी मैं न जीऊँ बिन राम।
तुलसी भरत प्रेम की महिमा,
रटत निरंतर नाम,
जननी मैं न जीऊँ बिन राम।
जननी मैं ना जीऊँ बिन राम भजन मीनिंग हिंदी Janani Main Na Jiu Bin Raam Lyrics Ram Bhajan Meaning Hindi
राम लखन सिया वन को सिधाये, राउ गये सुर धाम
कुटिल कुबुद्धि कैकेय नंदिनि, बसिये न वाके ग्राम
प्रात भये हम ही वन जैहैं, अवध नहीं कछु काम
‘तुलसी’ भरत प्रेम की महिमा, रटत निरंतर नाम
जब श्री राम, लक्ष्मण जी और माता सीता को वनवास हुआ और वे वनवास के लिए गमन कर गए उस समय भरत जी वहां पर उपस्थित नहीं थे। उनके आगमन पर जब उनको यह पता चलता ही की उनकी माता के कारण भगवान श्री राम, लक्ष्मण जी और माता सीता को वन के लिए गमन करना पड़ा है, वनवास को जाना पड़ा है तो वे अत्यंत ही व्यथित हो जाते हैं और अपनी माता से संवाद करते हुए कहते हैं की हे माता, जननी, मैं बिना राम के जीवित नहीं रह सकता हूँ। राम लखन और सिया वन के लिए गमन कर चुके हैं और मेरे पिता का स्वर्गवास हो चूका है। सुबह होते ही हम भी जंगल को जाएंगे और अयोध्या/अवध में अब मेरा क्या काम है। तुम्हारी तो बुद्धि कपटी है और तुम अभागी हो, तुम्हारा ज्ञान किसने हर लिया है ? भरत जी इस प्रकार से प्रेम की महिमा का प्रदर्शन करते हैं।
Pts. Rajan-Sajan Misra | Main Na Jeeyun Bin Ram
Jananee Main Na Jeeoon Bin Raam
Raam Lakhan Siya Van Ko Sidhaaye, Rau Gaye Sur Dhaam
Kutil Kubuddhi Kaikey Nandini, Basiye Na Vaake Graam
Praat Bhaye Ham Hee Van Jaihain, Avadh Nahin Kachhu Kaam
‘tulasee’ Bharat Prem Kee Mahima, Ratat Nirantar Naam
Raam Lakhan Siya Van Ko Sidhaaye, Rau Gaye Sur Dhaam
Kutil Kubuddhi Kaikey Nandini, Basiye Na Vaake Graam
Praat Bhaye Ham Hee Van Jaihain, Avadh Nahin Kachhu Kaam
‘tulasee’ Bharat Prem Kee Mahima, Ratat Nirantar Naam