ईजा अबके ना आऊंगा पहाड़ रे
ईजा अबके ना आऊंगा पहाड़ रे
ईजा… अबके ना आऊंगा पहाड़ रे,
अबके ना आऊंगा पहाड़…
ईजा… अबके ना आऊंगा पहाड़ रे,
अबके ना आऊंगा पहाड़…
दूध से मलाई छूटी, ऊन से सालाई छूटी,
तेरा भी बवाला छूटा, मेरी परछाई छूटी…
दिया किसने सब बिगाड़ रे…
अबके ना आऊंगा पहाड़ रे।
ईजा… अबके ना आऊंगा पहाड़ रे,
अबके ना आऊंगा पहाड़…
गदेरों में खेले जहाँ, गीत हरेले जहाँ,
बसट पहन के गए, दशेरे के मेले जहाँ।
घास पे बिछा के चादर, नींबू साणे बैठते,
दफ़न वो पेड़ नीचे, लाखों के फ्लैट के।
कैसी बदनसीबी मेरी, जान है निकल गई,
तेरी ये JCB बुरांस को कुचल गई।
रह गया जीवन उजाड़ रे…
अबके ना आऊंगा पहाड़…
ईजा… अबके ना आऊंगा पहाड़ रे,
अबके ना आऊंगा पहाड़…
एपण लगाते हुए, हाथ जो फिसल गया,
सोचाना कि पीछे से मैं फिर छसका के गया।
पहन के पिछवाड़ा जब वो थोड़ा शरमाएगी,
घुघुति जो गाये बातें मेरी ही सुनाएगी।
बैण की जो आएगी बारात, मैं ना होऊंगा,
पेपर में मेरी खबर दो दिन बाद आएगी।
घर पर मेरा नाम देना पहाड़ रे…
अबके ना आऊंगा पहाड़…
देख मेरे पर्वत, नदी में पिघल गए,
लंबी-लंबी कार वाले पेड़ों को निगल गए।
ईजा तेरी बात नंदा देवी से जो होवेगी,
उसे ना बताना, वो ये देखकर रोवेगी।
सब ने पहाड़ की खाई है झूठी कसमें,
इनको नंदा देवी किसी ताल में डुबोवेगी।
गिद्ध कर गए चीर-फाड़ रे…
ईजा… अबके ना आऊंगा पहाड़ रे,
अबके ना आऊंगा पहाड़…
अबके ना आऊंगा पहाड़…
ईजा… अबके ना आऊंगा पहाड़ रे,
अबके ना आऊंगा पहाड़…
दूध से मलाई छूटी, ऊन से सालाई छूटी,
तेरा भी बवाला छूटा, मेरी परछाई छूटी…
दिया किसने सब बिगाड़ रे…
अबके ना आऊंगा पहाड़ रे।
ईजा… अबके ना आऊंगा पहाड़ रे,
अबके ना आऊंगा पहाड़…
गदेरों में खेले जहाँ, गीत हरेले जहाँ,
बसट पहन के गए, दशेरे के मेले जहाँ।
घास पे बिछा के चादर, नींबू साणे बैठते,
दफ़न वो पेड़ नीचे, लाखों के फ्लैट के।
कैसी बदनसीबी मेरी, जान है निकल गई,
तेरी ये JCB बुरांस को कुचल गई।
रह गया जीवन उजाड़ रे…
अबके ना आऊंगा पहाड़…
ईजा… अबके ना आऊंगा पहाड़ रे,
अबके ना आऊंगा पहाड़…
एपण लगाते हुए, हाथ जो फिसल गया,
सोचाना कि पीछे से मैं फिर छसका के गया।
पहन के पिछवाड़ा जब वो थोड़ा शरमाएगी,
घुघुति जो गाये बातें मेरी ही सुनाएगी।
बैण की जो आएगी बारात, मैं ना होऊंगा,
पेपर में मेरी खबर दो दिन बाद आएगी।
घर पर मेरा नाम देना पहाड़ रे…
अबके ना आऊंगा पहाड़…
देख मेरे पर्वत, नदी में पिघल गए,
लंबी-लंबी कार वाले पेड़ों को निगल गए।
ईजा तेरी बात नंदा देवी से जो होवेगी,
उसे ना बताना, वो ये देखकर रोवेगी।
सब ने पहाड़ की खाई है झूठी कसमें,
इनको नंदा देवी किसी ताल में डुबोवेगी।
गिद्ध कर गए चीर-फाड़ रे…
ईजा… अबके ना आऊंगा पहाड़ रे,
अबके ना आऊंगा पहाड़…
Eeja | Neelesh Misra X Jubin Nautiyal | A Song For The Mountains
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Admin - Saroj Jangir
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