
भोले तेरी भक्ति का अपना ही
मैं रंग लूं ये मन सांवरिया तेरा रंग जो मिले,
मैं छोड़ दूं ये जग सांवरिया तेरा संग जो मिले,
तू बंसी बजाएं मैं सुनती जाऊं,
तू दरस दिखाएं मैं तकती जाऊं,
मैं देखूं बस तुझे हों नैना मेरे बंद या खोले,
होली के पावन पर्व पर खाटू श्याम जी के दरबार में भक्ति और प्रेम के रंग बरसते हैं। सभी श्रद्धा से झूमते हुए श्याम नाम का संकीर्तन करते हैं। गुलाल उड़ता है, अबीर की खुशबू चारों ओर फैलती है और पूरी खाटू नगरी श्याम मय हो जाती है। श्याम बाबा के रंग में जो एक बार रंग जाता है, उसका जीवन सदा के लिए आनंदमय हो जाता है। होली के इस उत्सव में सभी अपने दुःख-दर्द भूलकर श्याम प्रेम में लीन हो जाते है। खाटू श्याम जी की होली में केवल रंगों का नहीं, बल्कि भक्ति और आत्मा के मिलन का पर्व है। श्याम नाम के रंग में जो एक बार डूब जाता है उसे जीवन में और किसी रंग की आवश्यकता नहीं रहती। जय श्री श्याम।
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