मैं दासी तुम्हारी मोहन भजन

मैं दासी तुम्हारी मोहन भजन

मैं दासी तुम्हारी मोहन,
कभी मेरे घर भी आओ जी,
मैं बैठी आस लगाये,
अंखियन की प्यास,
बुझाओ जी,
मैं दासी तुम्हारी मोहन,
कभी मेरे घर भी आओ जी।

तुझ बिन मेरा कोई ना कान्हा,
तेरे सिवा मैं जाऊं कहां,
तुझ से ही लागी है ऐसी लगन,
मीरा जैसी हो गई जोगन,
अब तेरे बिना मेरे सांवरे,
मोहे ओर कोई ना भाये जी,
मैं दासी तुम्हारी मोहन,
कभी मेरे घर भी आओ जी।

ओ मुरली वाले, मेरे कृष्ण कन्हैया,
मटकी फोड़, मेरे माखन चुरैया,
सुन वृंदावन के राजा,
मैं दासी तेरे चरणों की,
अब देर भई मोरे कान्हा,
अब तो दर्श दिखाओ जी,
मैं दासी तुम्हारी मोहन,
कभी मेरे घर भी आओ जी।

मैं दासी तुम्हारी मोहन,
कभी मेरे घर भी आओ जी,
मैं बैठी आस लगाये,
अंखियन की प्यास,
बुझाओ जी,
मैं दासी तुम्हारी मोहन,
कभी मेरे घर भी आओ जी।

भजन श्रेणी : कृष्ण भजन (Krishna Bhajan)

भजन श्रेणी : खाटू श्याम जी भजन (Khatu Shyam Ji Bhajan)



मैं दासी तुम्हारी मोहन Main Daasi Tumhari Mohan | Krishna Bhajan | MANSI YADAV | Full HD VideoSong
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