गीत खुशी के गुनगुनाते बढ़ते जाये हम लिरिक्स Geet Khushi Ke Gungunate Lyrics

गीत खुशी के गुनगुनाते बढ़ते जाये हम लिरिक्स Geet Khushi Ke Gungunate Lyrics, Baal Geet

गीत खुशी के गुनगुनाते,
बढ़ते जायें हम,
मुस्कराने की कला सबको,
सिखलायें हम।

रूक जाते थककर राहों में,
वे पीछे रह जाते हैं,
लगातार चलते रहते जो,
वही सफल हो पाते हैं,
थके बिना चलते रहने की,
बात बतायें हम,
मुस्कराने की कला सबको,
सिखलायें हम,
गीत खुशी के गुनगुनाते,
बढ़ते जायें हम।

भगत, शिवा, राणा, लक्ष्मी की,
परम्परा ये बलिदानी,
ज्ञानेश्वर का ज्ञान तुका,
नानक की अमृत सी वाणी,
देश भक्त ज्ञानी बनने की,
राह दिखायें हम,
मुस्कराने की कला सबको,
सिखलायें हम,
गीत खुशी के गुनगुनाते,
बढ़ते जायें हम।

रामानुज जगदीश रमन ने,
अगनित आविष्कार किये,
अथक परिश्रम से माता के,
सब सपने साकार किये,
अलख जगाकर विश्वगुरू,
फिर से कहलाये हम,
मुस्कराने की कला सबको,
सिखलायें हम,
गीत खुशी के गुनगुनाते,
बढ़ते जायें हम।

गीत खुशी के गुनगुनाते,
बढ़ते जायें हम,
मुस्कराने की कला सबको,
सिखलायें हम।




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