लहरों से डर कर नौका, कभी पार नहीं होती, कोशिश करने वालों की, कभी हार नहीं होती।
नन्हीं चींटी जब दाना, लेकर के चलती है, चढ़ती दीवारों पर,
सौ बार फिसलती है, मन का ये विश्वास रगों में, साहस भरता है, चढ़कर गिरना, गिरकर उठना अच्छा लगता है, आख़िर उसकी मेहनत, बेकार नहीं होती, कोशिश करने वालों की,
devotional Bhajan Lyrics in Hindi
कभी हार नहीं होती।
डुबकियां सिंधु में जब भी, गोताखोर लगाते है, जा जा कर खाली हाथ, वो लौट आते है, मिलते नहीं सहज ही, मोती गहरे पानी में,
बढ़ता है दुगना, उत्साह इस हैरानी में, मुट्ठी उनकी खाली, हर बार नहीं होती, कोशिश करने वालों की, कभी हार नहीं होती।