पर्वत पे विराजे मेरे भोले भंडारी

पर्वत पे विराजे मेरे भोले भंडारी

पर्वत पे विराजे मेरे भोले भंडारी,
भोले भंडारी मेरे नैया भण्डारी।

मंथन से विष सरिता लाई,
नीलकंठ बने मोरे भंडारी,
पर्वत पे विराजे मेरे भोले भंडारी,
भोले भंडारी मेरे नैया भण्डारी।

गंगा लाए पावन कराये,
अपनी जटाओं में संजोये भंडारी,
पर्वत पे विराजे मेरे भोले भंडारी,
भोले भंडारी मेरे नैया भण्डारी।

गौरी संग मेरे भोलेनाथ भाये,
मन को मोहे ये जोड़ी भंडारी,
पर्वत पे विराजे मेरे भोले भंडारी,
भोले भंडारी मेरे नैया भण्डारी।


सावन स्पेशल: Parvat Pe Viraje Mere Bhole Bhandari | पर्वत पे विराजे | Sawan Special Shiv Bhajan

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