इतना बता दे हमको साँवरा, क्यों परिवार ये टूटता है, पैसों की खातिर इक भाई, भाई से ही रूठता है, इतना बता दे हमको साँवरा, क्यों परिवार ये टूटता है।
बचपन में क्या प्यार था इनमे,
इक दूजे पे मरते थे, माँ मेरी है बाप है मेरा बस इस बात पे लड़ते थे, अब पैसो के आगे इनको और कोई न भाता है, इतना बता दे हमको साँवरा, क्यों परिवार ये टूटता है।
भाई बहन के प्यार की जग में लोग मिसाले देते थे, द्रोपती और कान्हा के जैसा रिश्ता है ये कहते ये,
New Trending Bhajan Lyrics in Hindi (Viral Bhajan with Lyrics)
अब राखी के दिन ही हम को याद ये रिश्ता आता है, इतना बता दे हमको साँवरा, क्यों परिवार ये टूटता है।
रिश्तो से बढ़ कर है क्या पैसा कोई बतलाये, इन पेसो से एक तू सच्चा प्यार खरीद के दिखलाये, फिर पैसो के बल पे इतना क्यों कोई इतराता है, इतना बता दे हमको साँवरा,
क्यों परिवार ये टूटता है।
अर्जी है संजय की तुजसे कुछ तो ऐसा कर जाओ, जुड़ जाये परिवार ये फिर से ऐसा प्यार जगा जाओ, देख के ऐसा हाल प्रभु मेरा दिल ये हर पल रोता है, इतना बता दे हमको साँवरा, क्यों परिवार ये टूटता है।
इतना बता दे हमको सांवरा क्यों परिवार ये टूटताइतना बता दे हमको सांवरा क्यूं परिवार ये टूटता है