श्री राम जय राम जय जय राम लिरिक्स, Shree Ram Jai Ram Jai Jai Ram Lyrics

श्री राम जय राम जय जय राम लिरिक्स, Shree Ram Jai Ram Jai Jai Ram Lyrics, Shri Ram Bhajan by Anup Jalota


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ॐ श्री रामाय नमः, ॐ श्री रामाय नमः,
श्री राम, जय राम, जय जय राम,  
श्री राम, जय राम, जय जय राम,
रघुपति, राघव, राजा राम,
श्री राम, जय राम, जय जय राम,
श्री राम, जय राम, जय जय राम,
श्री राम, जय राम, जय जय रामl

दुःख भरे जहाँ में, दीन बंधु, राम हैं,
देंगे सब को आसरा करुणा सिंध राम हैं,
दुर्बल, को जो, लेते थाम,
श्री राम, जय राम, जय जय राम............।

रोम रोम में सुधा राम जी की बोलिए,
कष्ट कोई, जो घेर ले, राम राम, बोलिए ,
सिद्ध करेंगे सारे काम,
श्री राम जय राम जय जय राम............।

डोर देखो सौंप के राम जी के हाथ में,
वोह करेंगे रोशनी गम की काली, रात में ,
साथ तेरे वह सुबह शाम,
श्री राम, जय राम, जय जय राम............।

हर्ष शोक राम के धूप छाँव राम की,
फूलों संग जो कांटे हैं सब है माया राम की ,
माटी चँदन उसके धाम,
श्री राम, जय राम, जय जय राम............।

राम जी के प्रेम में जो भी प्राणी रोयेगा,
आग की नदी में भी बाल ना बाँका, होयेगा,
रक्षक उसके स्वंय हैं राम,
श्री राम, जय राम, जय जय राम............।

राम जी का नाम ले मोक्ष शबरी पा गई,
फिर तुम्हारे चेहरे पे क्यों उदासी छा गई,
तूँ भी भज ले, राम का नाम,
श्री राम, जय राम, जय जय राम............।

राम जी के प्रेम में तूँ भी, खो के देख ले,
आस्था से तूँ कभी उन का होके देख ले,
दुःख हरलेंगे, तेरे तमाम,
श्री राम, जय राम, जय जय राम............।

राम जी बसें तेरी आत्मा की प्यास में,
राम भजन की धुन में है राम हैं विश्वास में,
लाखों रूप हैं अनगिन नाम,
श्री राम, जय राम, जय जय राम............।

राम जी की तार से तारे अपनी, जोड़ दे,
उस के बाद होगा क्या राम जी पे, छोड़ दे,
उनसे, अर्चन, कर निष्काम,
श्री राम, जय राम, जय जय राम............।

घिरे वासी अवध जब थे माया जाल में,
दिल दिखाया चीर के अंजली के लाल ने,
बैठे वहाँ थे सिया संग राम,
श्री राम, जय राम, जय जय राम............।

जिन पे राम था लिखाव ह पाषाण  तर गए,
भक्त होके राम के कष्ट से क्यों, डर गए,
राम रटन तूँ, कर अविराम,
श्री राम, जय राम, जय जय राम............।

राम से तुम मांग ले औषधि आराम की,
दुःख निवारती दवा राम जी के नाम की,
बिन मोल है यह लगता ना दाम,
श्री राम, जय राम, जय जय राम............।

वोह निराश होते ना राम जिनके, साथ हैं,
तूँ अनाथ तो नहीं राम तेरे, नाथ हैं,
उनके भरोसे कर हर काम,
श्री राम, जय राम, जय जय राम............।

राम जी के नाम को तूँ कवच बना भी ले,
मन भवन में मूर्ति राम की वसा भी ले,
सुखमय, होगा, फिर परणाम,
श्री राम, जय राम, जय जय राम............।

राम तुम से दूर ना राम तेरे पास रे,
पूरी करले आस तूँ राम जी के आसरे,
उनके चरणों में चारों धाम,
श्री राम जय राम, जय जय राम............।

राम जी के ध्यान में जो भी मन से खो गए,
जानकी के राम भी उन के ही हो गए,
भक्त रटते हैं आठों याम,
श्री राम, जय राम, जय जय राम............।

जल में भी तो राम हैं थल में भी तो राम हैं,
आज में भी तो राम हैं कल में भी तो राम हैं,
कहीं नाम वाले कहीं हैं अनाम,
श्री राम, जय राम, जय जय राम............।

राम जी से डोर तुम प्रेम की ही मांग लो,
राम जी की डोर से राम जी को बांध लो,
जीवन कर दो राम के नाम,
श्री राम जय राम, जय जय राम............।

राम तुम्हारे ईष्ट हैं बंधु सखा ही राम जी,
राम गुरु का रूप है माता पिता ही राम जी,
जो भी समझ लो वो ही हैं राम,
श्री राम, जय राम, जय जय राम............।

आस्था से कर भी लो साधना श्री राम की,
काम तुम्हारे आएगी कामना ही राम की,
जपिए हर पल, राम राम,
श्री राम, जय राम, जय जय राम............।

राम जिन की नाव के मांझी बन के, आ गए,
भक्त भी तूफ़ान में यूँ ही किनारा पा गए,
वोही संवारेंगे तेरे काम,
श्री राम जय राम, जय जय राम............।

साधकों को राम जी भूल के ना त्यागते,  
भक्त चाहे सोए हों राम जी, हैं जागते,
पल भर भी करते ना विश्राम,
श्री राम जय राम, जय जय राम............।

राम के उपासको होना तुम निराश ना,
चलती साँस जब तलक टूटे मन की आस ना,
इक्क दिन, संवारेंगे वोही काम,
श्री राम जय राम, जय जय राम............।

व्यर्थ ये ना जाएगी राम की, आराधना,
राम ने ही हर समय हाथ को है थामना
रटना मन से ये अविराम
श्री राम जय राम जय जय राम............।

राम की लगन में जो सुख जहाँ के भूलते
उन के ही नाम के छत्तर जहाँ में झूलते
मन में वसा लो बस एक नाम
श्री राम जय राम जय जय राम............।

राम जी से राम ही तुम चुरा के देख लो।
राम जी के सुर में तुम सुर मिला के देख लो
वोह साथ देंगे सुबह शाम
श्री राम जय राम जय जय राम............।

राम जी के प्रेम की डोर टूटे ना कभी
जग जो रूठे हम नहीं राम रूठे ना कभी
दो अक्षर का राम नाम
श्री राम जय राम जय जय राम............।

धरती पे भी राम हैं राम ही गगन में हैं
राम सागर के जल में हैं राम ही पवन में हैं
चारों तरफ है राम ही राम
श्री राम जय राम जय जय राम............।

अंतरिक्ष है राम का यह घटाएँ राम की
सब कलाएं राम की सब दिशाएँ राम की
उनके बिना क्या सृष्टि का काम
श्री राम जय राम जय जय राम............।

प्रभु को अगर है देखना धो लो मन की आँच को
फिर कभी भी आप पर आने ना देंगे आँच वोह
मन से बन जाओ उसके ग़ुलाम
श्री राम जय राम जय जय राम............।

जिनके रोम रोम में राम जी हैं रम गए
उनके अंगद की तरह पांव जगत में जम गए
हिलने का जो ना लेते नाम
श्री राम जय राम जय जय राम............।

जब चरण से राम ने एक छिला को छूह लिया
पल में ही अहिलिया को छाप मुक्त कर दिया
उद्दार करना राम का काम
श्री राम जय राम जय जय राम............।

राम लगन की डोर को भूल के न तोड़िए
छूट जाए चाहे जहाँ राम को ना छोड़िए
होंगे सहाई मुक्ति के धाम
श्री राम जय राम जय जय राम............।

राम रतन अनमोल है राम का धन तुच्छ नहीं
जग पसारा राम का राम नहीं तो कुछ नहीं
राम भजन से मिलता आराम
श्री राम जय राम जय जय राम
श्री राम जय राम जय जय राम  
श्री राम जय राम जय जय राम
रघुपति राघव राजा राम
श्री राम जय राम जय जय राम
श्री राम जय राम जय जय राम
श्री राम जय राम जय जय राम............।


भजन श्रेणी : राम भजन (Ram Bhajan)



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