श्यामा आन बसो वृंदावन में

श्यामा आन बसो वृंदावन में

श्यामा आन बसो वृन्दावन में,
मेरी उम्र बीत गयी गोकुल में,
श्यामा आन बसो वृन्दावन में,
मेरी उम्र बीत गयी गोकुल में।

श्यामा रस्ते में बाग बना जाना,
फुल बीनुगी तेरी माला के लिये,
तेरी बाट निहारूं कुंजन में,
मेरी उम्र बीत गयी गोकुल में,
श्यामा आन बसो वृन्दावन में,
मेरी उम्र बीत गयी गोकुल में।

श्यामा रस्ते में कुआ खुदवा जाना,
मैं तो नीर भरुंगी तेरे लिये,
मैं तुझे नहालाऊंगी मल मल के,
मेरी उम्र बीत गयी गोकुल में,
श्यामा आन बसो वृन्दावन में,
मेरी उम्र बीत गयी गोकुल में।

श्यामा मुरली मधुर सुना जाना,
मोहे आके दरश दिखा जाना,
तेरी सूरत बसी है अंखियन में,
मेरी उम्र बीत गयी गोकुल में,
श्यामा आन बसो वृन्दावन में,
मेरी उम्र बीत गयी गोकुल में।

श्यामा वृन्दावन में आ जाना,
आकर के रास रचा जाना,
सूनी गोकुल की गलियन में,
मेरी उम्र बीत गयी गोकुल में,
श्यामा आन बसो वृन्दावन में,
मेरी उम्र बीत गयी गोकुल में।

श्यामा माखन चुराने आ जाना,
आकर के दही बिखरा जाना,
बस आप रहो मेरे मन में,
श्यामा आन बसो वृन्दावन में,
मेरी उम्र बीत गयी गोकुल में।

श्यामा आन बसो वृन्दावन में,
मेरी उम्र बीत गयी गोकुल में,
श्यामा आन बसो वृन्दावन में,
मेरी उम्र बीत गयी गोकुल में।
श्यामा आन बसो वृन्दावन में,
मेरी उम्र बीत गयी गोकुल में,
श्यामा आन बसो वृन्दावन में,
मेरी उम्र बीत गयी गोकुल में।



श्यामा आन बसो वृंदावन में मेरी उमर बीत गई गोकुल में | Shyama Aan Baso Vrindawan Mein |Krishna Bhajan
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