सिंदूर बिन सब सूना

सिंदूर बिन सब सूना

चाहे जितना करो श्रृंगार,
सिंदूर बिन सब सूना,
चाहे पहनो नौ लखा हार,
सिंदूर बिना सब सूना,
चाहे जितना करो श्रृंगार,
सिंदूर बिन सब सूना।

चाहे अम्मा बुलाओ,
चाहे जितना लुटाओ,
चाहे जितना करो व्यवहार,
सास बिन सब सूना,
चाहे जितना करो श्रृंगार,
सिंदूर बिन सब सूना।

चाहे भाभी बुलाओ,
चाहे जितना लुटाओ,
चाहे जितना करो व्यवहार,
जेठानी बिना सब सूना,
चाहे जितना करो श्रृंगार,
सिंदूर बिन सब सूना।

चाहे बहना बुलाओ,
चाहे जितना लुटाओ,
चाहे जितना करो व्यवहार,
ननंद बिना सब सूना,
चाहे जितना करो श्रृंगार,
सिंदूर बिन सब सूना।

चाहे भैया बुलाओ,
चाहे जितना लुटाओ,
चाहे जितना करो व्यवहार,
देवर बिन सब सूना,
चाहे जितना करो श्रृंगार,
सिंदूर बिन सब सूना।

चाहे जितना करो श्रृंगार,
सिंदूर बिन सब सूना,
चाहे पहनो नौ लखा हार,
सिंदूर बिना सब सूना,
चाहे जितना करो श्रृंगार,
सिंदूर बिन सब सूना।


भजन श्रेणी : हनुमान भजन (Hanuman Bhajan)


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