तन मन धन जीवन अर्पण लिरिक्स Tan Man Dhan Jiwan Arpan Lyrics, Deshbhakti Geet/Sanskriti Geet
तन मन धन जीवन अर्पण कर,भारत श्रेष्ठ बनायेंगें,
अपनी मेहनत से इस जग में,
हम सिर मौर कहायेंगें।
राम कृष्ण गौतम गुरू नानक की,
यह पावन पुण्य धरा,
शस्य श्यामला सुरभित कण कण,
अणु अणु में अनुराग भरा,
मंगलमय जीवन हो सबका,
ऐसी ज्योति जलायेंगें,
तन मन धन जीवन अर्पण कर,
भारत श्रेष्ठ बनायेंगें।
निज सस्कृति का सम्बल ले हम,
नई सोंच अपनायेंगे,
कोई भी न पीछे हो,
सब कदम से कदम मिलायेंगें,
उठे चले हम बढे निरन्तर,
सबमें भाव जगायेंगें,
तन मन धन जीवन अर्पण कर,
भारत श्रेष्ठ बनायेंगें।
स्वच्छ हमारे घर आँगन हो,
वन उपवन हरियाली हो,
गंगा की निर्मल धारा हो,
घर घर में खुशहाली हो,
जननी जन्म भूमि अति सुन्दर,
इसमे स्वर्ग सजायेंगें,
तन मन धन जीवन अर्पण कर,
भारत श्रेष्ठ बनायेंगें।
तन मन धन जीवन अर्पण कर,
भारत श्रेष्ठ बनायेंगें,
अपनी मेहनत से इस जग में,
हम सिर मौर कहायेंगें।