तीन लोक में बजरंग तुमने भक्ति

तीन लोक में बजरंग तुमने भक्ति

तीन लोक मे बजरंग तुमने,
भक्ति का दीप जलाया,
तेरे रोम रोम मे हनुमत,
सिया राम का रूप समाया,
सीता का हरण हुआ तो,
 श्री राम समझ ना पाए,
बन दीन पूछते सबसे,
और कौन उन्हें समझाए,
जब तुमसे भेंट हुई तो,
तुमने संताप मिटाया,
तेरे रोम रोम मे हनुमत,
सिया राम का रूप समाया।

गए सात समुंदर उड़ के,
सोने की लंका जलाये,
सीता को देकर खुशियां,
वर अजर अमर का पाए,
श्री राम को हाल सुनाकर,
रावण का पता बताया,
तेरे रोम रोम मे हनुमत,
सिया राम का रूप समाया।

मूर्छित लक्षमण की खातिर,
संजीवन बुटी लाये,
अहिरावण के फंदे से,
 श्री राम लखन को छुड़ाए,
श्री राम विजय की गाथा,
जा अवध भरत को सुनाए,
तेरे रोम रोम मे हनुमत,
सिया राम का रूप समाया।

रघुवर के राजतिलक पर,
है भेंट सबो ने पाई,
हनुमत को कुछ ना मिला,
तो माता सीता सकुचाई,
दे हार गले का अपना,
हनुमत का मान बढ़ाया,
तेरे रोम रोम मे हनुमत,
सिया राम का रूप समाया।

माला के हर दाने में,
कही राम नज़र नहीं आया,
उपहास हास को सुनकर,
सीने को फाड़ दिखाया,
सीने मे राम सिया की,
झांकी का दरश दिखाया,
तेरे रोम रोम मे हनुमत,
सिया राम का रूप समाया।

वरदान मिला रघुवर से,
कोई तुझसा भक्त ना होगा,
गूंजेगा नाम तुम्हारा,
हर युग मे बजेगा डंका,
नंदू मांगे प्रभु भक्ति,
भक्ति मे सब है समाया,
तेरे रोम रोम मे हनुमत,
सिया राम का रूप समाया।

तीन लोक मे बजरंग तुमने,
भक्ति का दीप जलाया,
तेरे रोम रोम मे हनुमत,
सिया राम का रूप समाया,
सीता का हरण हुआ तो,
 श्री राम समझ ना पाए,
बन दीन पूछते सबसे,
और कौन उन्हें समझाए,
जब तुमसे भेंट हुई तो,
तुमने संताप मिटाया,
तेरे रोम रोम मे हनुमत,
सिया राम का रूप समाया।




Teen Lok Me Bajrang Tumne Bhakti || Hanuman Bhajan By Nandu Ji /तीन लोक में बजरंग तुमने भक्ति
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