गरब करे सो गवांरा जौबन धन पावणा लिरिक्स Garab Kare So Ganvara Lyrics, Kabir Bhajan

गरब करे सो गवांरा जौबन धन पावणा लिरिक्स Garab Kare So Ganvara Lyrics, Kabir Bhajan/ Garav Kare So Ganvara Joban Dhan Chara Prahalad Singh Tipania

भजन के बोल (Lyrics)
साखी :-
 भजन
गरब करे सो गवांरा जौबन धन पावणा दिन चारा रे जी,
हे जी पावणा दिन चारा जौबन धन, पावणा दिन चारा रे जी।।
पशु चाम की बनी पनईया, नौबत चढ़िया नगारा रे जी
 हे जी नर तेरी चाम काम नहीं आवे, बल जल होवे अंगारा।।
पांच तत्व का बनिया पिंजरा भीतर भरिया भंगारा रे जी
 ऊपर रंग सुरंग चढ़ाया, कारीगर करतारा।।
बीस भुजा दस मस्तक कहिए, कुटब घणा परिवारा रे जी
 ऐसा बड़ा बड़ा जोधा गरब माही गलग्या, भवसागर की धारा।।
यो संसार ओस वालो मोती, ढलते नी लागे एतवारा रे जी।
 कहे कबीर सुनो भाई साधो, हर भज उतरोगा पारा रेजी
गरब करे सो गवांरा जौबन धन पावणा दिन चारा रे जी
हे जी पावणा दिन चारा जौबन धन, पावणा दिन चारा रे जी।।
गरब करे सो गवांरा जौबन धन पावणा दिन चारा रे जी
हे जी पावणा दिन चारा जौबन धन, पावणा दिन चारा रे जी।।




गरब करे सो गवांरा जौबन धन पावणा दिन चारा।। Garab kare so ganwaara ।। Kabir bhajan

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