यह दुनिया पागल खाना है

यह दुनिया पागल खाना है

यह दुनिया पागल खाना है,
यहाँ पागल आते जाते हैं।

और मेरा मेरा कहने वाले,
वो भी पागल बनकर जाते है,
यह दुनिया पागल खाना है,
यहाँ पागल आते जाते हैं।

कोई पागल है धन दौलत का,
कोई पागल बेटे नारी कई,
यह दुनिया पागल खाना है,
यहाँ पागल आते जाते हैं।

असली पागल तो वो पागल,
जो पागल बांके बिहारी का,
यह दुनिया पागल खाना है,
यहाँ पागल आते जाते हैं।

यह दुनिया पागल खाना है,
यहाँ पागल आते जाते हैं।




यह दुनिया पागल खाना है यहां पागल आते जाते हैं //श्री चित्र विचित्र जी महाराज श्री धाम वृंदावन

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