अपने भक्त से कितना माँ प्यार करती है
अपने भक्त से कितना,
माँ प्यार करती है,
अपने भक्त से कितना,
मां प्यार करती है,
रहती है पहाड़ो में,
पर ध्यान रखती है।
जब भी पुकारोगे,
मां दौड़ कर आये,
चांदी का सिंहासन,
मां छोड़ कर आये,
मझधार में हो नैया,
मां पार करती है।
हम मांगते रहते,
वो भेजती रहती,
भक्तों की हालत को,
मां देखती रहती,
भक्तों की खाली झोली,
हर बार भरती है,
अपने भक्त से कितना,
मां प्यार करती है।
कर्जा तुम्हारा मां,
कैसे उतारेंगे,
मां तेरी सेवा में,
जीवन गुज़ारेंगे,
गर्दन झुकी है मेरी,
आँखें बरसती है,
अपने भक्त से कितना,
मां प्यार करती है।
अपने भक्त से कितना,
माँ प्यार करती है,
अपने भक्त से कितना,
मां प्यार करती है,
रहती है पहाड़ो में,
पर ध्यान रखती है।
अपने भगत से कितना माँ प्यार करती है | Apne Bhagat Se Kitna Maa Pyar Karti Hai | Navratri Bhajan |
Song:- Apne Bhagat Se Kitna Maa Pyar Karti Hai
Singer:- Upasana Mehta
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