अष्ट विनायक हे व्यापक विशाल लिरिक्स Asht Vinayak Hey Vyapak Lyrics
अष्ट विनायक,हे व्यापक विशाल,
आठों पहर तेरे गुण गाये,
सुमिरन करते,
मां गौरी के लाल,
आठों पहर तेरे गुण गाये,
अष्ट विनायक,
हे व्यापक विशाल।
चांद सूरज आरती करे,
शेष नाग धूप करे,
ब्रह्मा विष्णु स्तुति करे,
सुरनर ध्यान धरे,
सुर नर कहते है दीनदयाल,
आठों पहर तेरे गुण गाए,
अष्ट विनायक,
हे व्यापक विशाल।
नव निधि महिमा गाए,
दस दिशाएं शीश झुकाए,
रुद्र ग्यारह प्रीति पाए,
चौदह भुवन यश लहराए,
चरणों में रहते सदा दीकपाल,
आठों पहर तेरे गुण गाए,
अष्ट विनायक,
हे व्यापक विशाल।
अष्ट विनायक,
हे व्यापक विशाल,
आठों पहर तेरे गुण गाये,
सुमिरन करते,
मां गौरी के लाल,
आठों पहर तेरे गुण गाये,
अष्ट विनायक,
हे व्यापक विशाल।