कैलाश के निवासी नमो बार बार हूं

कैलाश के निवासी नमो बार बार हूं

कैलाश के निवासी,
नमो बार बार हूं,
आयो शरण तिहरी,
प्रभु तार तार तू,
कैलाश के निवासी,
नमो बार बार हूं।

भक्तो को कभी शिव,
तूने विनाश ना किया,
मांगा जिन्हें जो,
चाह वरदान दे दिया
बड़ा है तेरा दयाजा,
बड़ा दातर तू,
आयो शरण तिहारी,
प्रभु तार तार तू।

बखन क्या करो,
मैं राखो के ढेर का,
चपती भाभोत में,
है खजाना कुबेर का
हैं गैंग धर मुक्ति द्वार,
ओंकार तू,
आयो शरण तिहारी,
प्रभु तार तार तू।

क्या क्या नहीं दिया,
हम क्या प्रमाण दे,
बस गई त्रिलोक,
शंभो तेरे दान से,
ज़हर पिया जीवन दिया,
कितना उदार तू,
कितना उदार तू,
आयो शरण तिहारी,
प्रभु तार तार तू।

तेरी कृपा बिना ना,
हेनले एक भी अनु,
लेते हैं स्वास तेरी,
दया से कानू कानू,
कहे दास एक बार,
मुझको निहार तू,
आयो शरण तिहारी,
प्रभु तार तार तू।

कैलाश के निवासी,
नमो बार बार हूं,
आयो शरण तिहारी,
प्रभु तार तार तू।

कैलाश के निवासी,
नमो बार बार हूं,
आयो शरण तिहरी,
प्रभु तार तार तू,
कैलाश के निवासी,
नमो बार बार हूं।
 


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