कान्हा थां रो झूलणो लिरिक्स Kanha Tha Ro Jhulano Lyrics
कान्हा थां रो झूलणो लिरिक्स Kanha Tha Ro Jhulano Lyrics
कान्हा थां रो झूलणो,घलाद्यूं कुंजन डार रे,
आवत्ड़ी जावत्ड़ी,
बृजगोरी झोटा देसी रे।
काला काला बादला,
हवा है पुरवाई रे,
सावणिया री तीज कान्हा,
म्हां रै मन भाई रे,
बिछिया पायलड़ी खो,
भूल गई चाल रे,
कान्हा थां रो झूलणो।
बडो उत्पाती छै थूं,
खोटो कान्हा खोटो रे,
देखबा में दिखै है थूं,
छोटा स्यूं भी छोटो रे,
पल्लो पकड़ खेंचै,
या कांईं चाल रे,
कान्हा थां रो झूलणो।
रेशमी है मोतीड़ां री डोर,
हिण्डोलो चालै जोर रे,
चर चर चर बोलै,
मन में हिलोर रे,
हाथ स्यूं इसारो करै,
हँस देवै ताल रे,
कान्हा थां रो झूलणो।
कोयलड़ी री कूक,
पपिहो मीठो बोलै रे,
थां रै बिना हिवड़ो,
डग मग डोलै रे,
चरणां में आयो हूं,
धरो ना प्रतिपाल रे,
कान्हा थां रो झूलणो।
कान्हा थां रो झूलणो,
घलाद्यूं कुंजन डार रे,
आवत्ड़ी जावत्ड़ी,
बृजगोरी झोटा देसी रे।