कोई मत छेड़ो रे लिरिक्स Koi Mat Chedo Re Lyrics

कोई मत छेड़ो रे लिरिक्स Koi Mat Chedo Re Lyrics

मारग कठिन कबीर का,
धर न सके पग कोई,
आई चले कोई सुरमा,
जाके धड़ पर सीस ना होय।

रण जंग बाजा बाजिया,
और सुरा आए धाय,
सुरा सो सुरा लड़े,
और कायर भागे जय।

कोई मत छेड़ो रे यार,
तुम दूर खड़े रहो रे,
मैं तो दीवाना नाम का,
मुझे कोई मत छेड़ो रे।

हाथी के इंसाफ से,
मैंने बाघ को घेरा रे,
उसी को फिरता ढूंढता मैं,
बन बन पुकारु रे,
मैं तो दीवाना नाम का,
मुझे कोई मत छेड़ो रे।

मेरा घर तो झाड़ लिया,
ओरण का झाड़ू रे,
जो कोई आता मुझे पूछता,
मैं उसकी को तारु रे,
मैं तो दीवाना नाम का,
मुझे कोई मत छेड़ो रे।
    
पुरन प्याला प्रेम का,
यह अगम से आया रे,
भर पिया कबीर ने रे,
कमाल को पाया रे,
मैं तो दीवाना नाम का,
मुझे कोई मत छेड़ो रे।
 



कोई मत छेड़ो रे | Koi mat chhedo re | Geeta Parag Kabir ||

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