लाख लाख वंदन तमने लिरिक्स Lakh Lakh Vandan Lyrics

लाख लाख वंदन तमने लिरिक्स Lakh Lakh Vandan Lyrics

गुरु को कीजिए बबंदगी,
और कोटि कोटि प्रणाम,
किट ना जाने भृंग को,
गुरु करले आप समान।

लाख लाख वंदन तमने,
कोटि कोटि वंदन,
गुरु गम का सागर तमने,
लाख लाख वंदन।

अज्ञान जीवाड़ो गुरु जी,
चरणों में आयो,
ज्ञान को दीपक गुरुजी,
जलाईहो दिजो,
गुरु गम का सागर तमने,
लाख लाख वंदन।

लख चौरासी में जिवडो,
भटकी ने आयो,
म्हारे अब कि चौरासी गुरुजी,
छुड़ाई हो दी जो,
गुरु गम का सागर तमने,
लाख लाख वंदन।

डूबत डूबत हो गुरुजी,
अपने बचाया,
म्हारो अब को,
जीवन हो गुरुजी,
सवारी हो दी जो,
गुरु गम का सागर तमने,
लाख लाख वंदन।

धरम दास की गुरुजी,
अरज गुसाई,
म्हारो अब को,
जीवन हो गुरुजी,
सवारी हो दी जो,
गुरु गम का सागर तमने,
लाख लाख वंदन।
 



लाख लाख वंदन तमने | Laakh Laakh Vandan Tamne | Kabir in JNU 9669359081

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