मूल विकदा श्याम मिल जावे

मूल विकदा श्याम मिल जावे

मूल विकदा श्याम मिल जावे,
लै लवा जिंद वेच के,
इस जिंदगी दा मूल नहीं कोई,
जे श्याम मिल जाये।

ज़िंदगी वेचके मीरा ने श्याम पाया,
उसने जहर दा अमृत बनाया,
उसने जेहर विचो सांवरे नु पाया,
ले लवा जिंद वेच के,
मूल विकदा श्याम मिल जावे।

ज़िंदगी वेचके द्रौपत ने श्याम पाया,
श्याम नु उसने सभा च बुलाया,
श्याम आये सभाई बनके,
ले लवा जिंद वेच के,
मूल विकदा श्याम मिल जावे।

ज़िंदगी वेचके भीलनी ने राम पाया,
टूटी फूटी झोपड़ी दा महल बनाया,
ओहनू राम जी ने दर्श दिखाया,
ले लवा जिंद वेच के,
मूल विकदा श्याम मिल जावे।

ज़िंदगी वेचके धन्ने ने श्याम पाया,
उसनु पथरा च दर्श दिखाया,
श्याम बह गये मेरे कोल आके,
ले लवा जिंद वेच के,
मूल विकदा श्याम मिल जावे।
 


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