नियम निभाये नित सुख पाये लिरिक्स Niyam Nibhaye Nit Sukh Lyrics
नियम निभाये नित सुख पाये लिरिक्स Niyam Nibhaye Nit Sukh Lyrics
नियम निभाये नित सुख पाये,नियम निभाये नित सुख पाये,
निश्चय ही हो कल्याण जी,
श्री सतगुरु का फरमान जी।
आरती पूजा सत्संग सेवा,
सुमिरण और ध्यान,
पांच नियम पालन करने से,
मिलता आत्म ज्ञान प्रभु जी,
दर आए महिमा गाए,
निश्चय ही हो कल्याण जी।
प्रभु का सुमिरन करता जो नित,
प्रसन्न चित्त रहता है,
हानि लाभ व सुख दुख में वो,
सदा ही सम रहता है,
हर्षाए आनंद पाए,
निश्चय ही हो कल्याण जी।
जग तारण को आए प्रभु जी,
सरल ही नियम बनाए,
श्रद्धा प्रेम से जो भी दासा,
निशदिन इन्हें निभाए,
शरण आए भव तर जाए,
निश्चेय ही हो कल्याण जी।
नियम निभाये नित सुख पाये,
नियम निभाये नित सुख पाये,
निश्चय ही हो कल्याण जी,
श्री सतगुरु का फरमान जी।