पर्वत पे आजा मेरी गौरा क्यों देखे लिरिक्स Parwat Pe Aaja Lyrics
पर्वत पे आजा मेरी गौरा क्यों देखे लिरिक्स Parwat Pe Aaja Lyrics
मैं कैसे आऊं मेरे भोले,मेरे से प्यारी तुम्हें गंगा हैं,
तू तो पगली है मेरी गौरा,
गंगा तो जटाओं की शोभा है,
पर्वत पे आजा मेरी गौरा,
क्यों देखे गौरा खड़ी खड़ी।
मैं कैसे आऊं मेरे भोले,
मेरे से प्यारा तुम्हें चंदा है,
तू तो पगली है मेरी गौरा,
मस्तक की शोभा चंदा है,
पर्वत पे आजा मेरी गौरा,
क्यों देखे गौरा खड़ी खड़ी।
मैं कैसे आऊं मेरे भोले,
मेरे से प्यारे तुम्हें सर्पा हैं,
तू तो पगली है मेरी गौरा,
गले की शोभा सर्पा हैं,
पर्वत पे आजा मेरी गौरा,
क्यों देखे गौरा खड़ी खड़ी।
मैं कैसे आऊं मेरे भोले,
मेरे से प्यारा डमरू है,
तू तो पगली है मेरी गौरा,
डमरू हाथों की शोभा है,
पर्वत पे आजा मेरी गौरा,
क्यों देखे गौरा खड़ी खड़ी।
मैं कैसे आऊं मेरे भोले,
मेरे से प्यारी तुम्हें गंगा हैं,
तू तो पगली है मेरी गौरा,
गंगा तो जटाओं की शोभा है,
पर्वत पे आजा मेरी गौरा,
क्यों देखे गौरा खड़ी खड़ी।