छोड़ झमेला झूठे जग का

छोड़ झमेला झूठे जग का

छोड़ झमेला झूठे जग का,
कह गए दास कबीर,
पार लगायेंगे एक पल में,
तुलसी के रघुवीर।

भूल भुलैया जीवन तेरा,
साचो नाम प्रभु को,
मन में बसा ले आज तू बन्दे,
ले कर नाम गुरु को,
सूरदास के श्याम हरेंगे,
जनम जनम की पीड़।

तेरा मेरा दिन भर करता,
पर तेरा कछु नहीं,
माटी का यह खेल है,
यह सारा मिलेगा माटी माहि,
मीरा जी के ईश बुलाये,
सब को यमुना तीर।

छोड़ झमेला झूठे जग का,
कह गए दास कबीर,
पार लगायेंगे एक पल में,
तुलसी के रघुवीर।
 


chhod jhamela jhoote jag ka..Kabir Das_Mukesh_in the fake world,Love is blind,Hate is deaf_a tribute

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