मंगल हैं सुमंगल करते, मन अर्पण करो, नाम है गणेश प्रभू जी, उनका स्मरण करो।
प्रातः काल संध्या काल, मैं जाप मन से करो, कर्म करते करते, साधक भव सागर तरो, ये घड़ी ना फिर आयेगी, उनके चरण धरो, नाम है गणेश प्रभू जी, उनका स्मरण करो।
जैसी भी विपदा हो, जीवन में टल जायेगी, कृपा करें जो गणपती जी, सुख की वर्षा होगी, नैनो से अपने मन में, उनका रूप भरो, नाम है गणेश प्रभू जी, उनका स्मरण करो।
मंगल हैं सुमंगल करते, मन अर्पण करो, नाम है गणेश प्रभू जी, उनका स्मरण करो।
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