खाटू में एक मूरत देखी ऐसी

खाटू में एक मूरत देखी ऐसी

खाटू में एक मूरत देखी ऐसी,
बिल्कुल लगती बाबा तेरे जैसी,
खाटू में एक मूरत देखी ऐसी,
बिल्कुल लगती बाबा तेरे जैसी।

अपने पास बुला कर,
मुझको गोदी में बैठाया,
हाथ फिराया सर पर मेरे,
प्रेम से मुझे खिलाया,
जैसे खिलाते हो तुम हलवा देसी,
बिल्कुल लगती बाबा तेरे जैसी,
खाटू में एक मूरत देखी ऐसी,
बिल्कुल लगती बाबा तेरे जैसी।

मेरे मन को भा गया है,
तेरा मुखड़ा भोला,
हर पल तेरे संग में रहूंगा,
बाबा मुझसे बोला,
मेरे रहते तुम को चिंता कैसी,
बिल्कुल लगती बाबा तेरे जैसी,
खाटू में एक मूरत देखी ऐसी,
बिल्कुल लगती बाबा तेरे जैसी।

जहां भी जाता खाटू माही,
वही मुझे मिल जाता,
कभी इशारा करके बुलाता,
और कभी मुस्काता,
मुझ को बिल्कुल,
लगता ना परदेसी,
बिल्कुल लगती बाबा तेरे जैसी,
खाटू में एक मूरत देखी ऐसी,
बिल्कुल लगती बाबा तेरे जैसी।

जैसे मैं तेरा बाबा सारे,
जग का वह बाबा है,
श्याम कहे उसके वश में,
यह धरती आसमा है,
शक्ति नहीं कोई वह ऐसी वैसी,
बिल्कुल लगती बाबा तेरे जैसी,
खाटू में एक मूरत देखी ऐसी,
बिल्कुल लगती बाबा तेरे जैसी।
 


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