मांगने की आदत मेरी जाती नहीं लिरिक्स Mangane Ki Aadat Lyrics
मांगने की आदत मेरी जाती नहीं लिरिक्स Mangane Ki Aadat Lyrics
मांगने की आदत,मेरी जाती नहीं,
मांगने की आदत,
मेरी जाती नहीं
माँ अपने दर से,
किसी को लौटाती नहीं,
मांगने की आदत,
मेरी जाती नहीं।
रंक क्या राजा भी,
आते झोली पसारे,
भर भर देती है माँ,
जो भी दर पे पधारे,
चरणों में जो आए,
उनको सताती नहीं,
माँ अपने दर से,
किसी को लौटाती नहीं,
मांगने की आदत,
मेरी जाती नहीं।
सब के मन की,
माँ चाह जानती है,
दुखों को दूर करने की,
राह जानती है,
मन चाहा देती है,
कभी जताती नहीं,
माँ अपने दर से किसी,
को लौटाती नहीं,
मांगने की आदत,
मेरी जाती नहीं।
कैसी झिझक शर्म,
क्यूं मैं हया करूं,
माँ से ना मांगू तो,
किससे मैं बयां करूं,
मांगने में उससे लाज़,
मुझे आती नहीं,
माँ अपने दर से,
किसी को लौटाती नहीं,
मांगने की आदत,
राजीव की जाती नहीं,
माँ अपने दर से,
किसी को लौटाती नहीं।