राम ने बाली का वध किया लिरिक्स Ram Ne Bali Ka Vadh Kiya Lyrics

राम ने बाली का वध किया लिरिक्स Ram Ne Bali Ka Vadh Kiya Lyrics

सुग्रीव को न्याय दिलाने के लिए,
राम ने बाली वध किया,
अंगद को अपनी शरण मे लेकर,
राम ने वालि को मोक्ष दिया,
सुग्रीव को न्याय दिलाने के लिए,
राम ने बाली वध किया।

सुग्रीव वालि थे दो भाई,
ऐसी विकट बिपदा आई,
मायावी वालि की गुफा में,
घमासान हो गई लड़ाई,
रक्त बहता गुफा से आया,
मायावी राक्षस ने शायद,
राजा वालि को मार गिराया,
सुग्रीव के मन मे ऐसा आया,
किष्किंधा की जनता ने,
सुग्रीव को अपना राजा बनाया,
मगर बालि था जिंदा,
उसको बहुत गुस्सा आया,
बाली ने सुग्रीव को भगाया,
राजपाट व उसकी पत्नी को,
सब सुग्रीव से छीन लिया।

सुग्रीव को न्याय दिलाने के लिए,
राम ने बाली वध किया,
अंगद को अपनी शरण मे लेकर,
राम ने वालि को मोक्ष दिया,
सुग्रीव को न्याय दिलाने के लिए,
राम ने बाली वध किया।
 



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