आज सोमवार है महादेव का वार है


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आज सोमवार है महादेव का वार है

आज सोमवार है,
महादेव का वार है,
सच्चा ये दरबार है,
सुबह सवेरे जल जो चढ़ाये,
उसका बेड़ा पार है,
आज सोमवार है,
महादेव का वार है,
भोले का दरबार है,
सुबह सवेरे जल जो चढ़ाये,
उसका बेड़ा पार है,
आज सोमवार है।

तीन लोक के ये हैं दाता,
लीला बड़ी अपार है,
लीला बड़ी अपार है,
दुखियों के हो भाग्य विधाता,
तेरी जय जयकार है,
तेरी जय जयकार है,
महिमा अपरम पार है,
महादेव का वार है,
भोले का दरबार है,
सुबह सवेरे जल जो चढ़ाये,
उसका बेड़ा पार है,
आज सोमवार है।

भाल चन्द्रमा शीश मुकुट पे,
जटा में गंगा धारा है,
जटा में गंगा धारा है,
हे शिव शंकर निहारक,
तेरा रूप निराला है,
तेरा रूप निराला है,
सबकी यही पुकार है,
सच्चा ये दरबार है,
सुबह सवेरे जल जो चढ़ाये,
उसका बेड़ा पार है,
आज सोमवार है,
महादेव का वार है,
भोले का दरबार है,
सुबह सवेरे जल जो चढ़ाये,
उसका बेड़ा पार है,
आज सोमवार है।

आज सोमवार है,
महादेव का वार है,
सच्चा ये दरबार है,
सुबह सवेरे जल जो चढ़ाये,
उसका बेड़ा पार है,
आज सोमवार है,
महादेव का वार है,
भोले का दरबार है,
सुबह सवेरे जल जो चढ़ाये,
उसका बेड़ा पार है,
आज सोमवार है।
 



आज सोमवार है महादेव का वार है | Aaj Somwaar Hai | Shiv Bhajan | Bholenath Bhajan | Somwar Bhajan
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