दुख में मत घबराना पंछी लिरिक्स Dukh Me Mat Ghabrana Lyrics

दुख में मत घबराना पंछी लिरिक्स Dukh Me Mat Ghabrana Lyrics

दुख में मत घबराना पंछी,
ये जग दुख का मेला है,
चाहे भीड़ बड़ी अम्बर पर,
उड़ना तुझे अकेला है।

नन्हे कोमल पंख ये तेरे,
और गगन की ये दुरी,
बैठ गया तो कैसे होगी,
मन की अभिलाषा पूरी।

उसका नाम अमर है जग में,
जिसने संकट खेला है,
चाहे भीड़ बड़ी अम्बर पर,
उड़ना तुझे अकेला है।

चतुर शिकारी ने रखा है,
जाल बिछा कर पग पग पर,
फस मत जाना भूल से,
पगले पछतायेगा जीवन भर।

मोह माया में तू मत फसना,
बड़ा समझ का खेला है,
चाहे भीड़ बड़ी अम्बर पर,
उड़ना तुझे अकेला है।

जब तक सूरज आसमान पर,
बढ़ता चल तू बढ़ता चल,
गिर जायगे अन्धकार जब,
बड़ा कठिन होगा पल पल।

किसे पता की उड़ जाने की,
आ जाती कब वेला है,
चाहे भीड़ बड़ी अम्बर पर,
उड़ना तुझे अकेला है।
 



दुख में मत घबराना पंछी ~ मनुष्य के जीवन की दर्द भरी सच्चाई ~ Mridul Krishna Shastri ~ Saawariya

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