जो सेवे सतगुरु के चरण लिरिक्स Jo Seve Satguru Ke Charan Lyrics
जो सेवे सतगुरु के चरण लिरिक्स Jo Seve Satguru Ke Charan Lyrics
जो सेवे सतगुरु के चरण,पावे वो भक्ति का धन,
सफल हो जाए ये जीवन,
जोत जगे फिर अंतर मन।
जिसने की चरणों की पूजा,
शेष रहा ना धर्म दूजा,
अड़सठ तीर्थ गुरु चरणनं।
गुरु में है ऐसी शक्ति,
सिर से हजारों बलाए टलती,
मिट जाए फिर सारे भरम।
मुक्ति का द्वारा श्री चरण कमल,
दास करे यही विनय भगवान,
श्री चरणों में जुड़ा रहे मन,
सफल हो जाए तन ओर मन।
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