ख़बरदार रहना रे मेरे भाई भजन
ख़बरदार रहना रे मेरे भाई भजन
साखी:-काया काठी काल धूनी, जतन जतन कर खाया
काया माहिं काल है, मरम न कोई पाय।
भजन:-
यहाँ यम की उडे हकवाई, खबरदार रहना रे मेरे भाई, होशियार रहना रे मेरे भाई।
साहब बताए भाया माल खजीना ,राखो जतन कराई|
पाव,रत्ती धन खरच ना होवे, दिन-दिन बढ़त सवाई।।
इन वस्तु को भाया, भूल मत जाना, निशदिन(हरदम) करलो कमाई।
सतनाम की टोपी लगाले, सच्चा बण जा सिपाही।।
आठों पहर झूठ मत बोलो, मत करो निंदा पराई।
नेम धरम थारसे भण्यों नही जावे, पल्ले मत बांधो रे बुराई।।
तन बंदूक, सुरत की गोली, जम पर करलो चढ़ाई।
कहे कबीर सुनो भाई साधो, काल की फौज भगाई।।
ख़बरदार रहना रे मेरे भाई | Khabardar Rahna Mere Bhai | Geeta Parag | kabir bhajan, mo.9669359081