म्हारा नन्दलाल री झुमरिया

म्हारा नन्दलाल री झुमरिया

म्हारा नन्दलाल री झुमरिया,
किने लादी वे तो दिजो रे,
म्हारा कृष्ण कंवर री झुमरिया,
किने लादी वे तो दिजो रे।

ऐरे मेरे हीरा जड़िया,
बीच में सोने का धागा,
अणि झूमर रे कारणे,
म्हारा लाख रुपया लगा रे,
म्हारा नन्दलाल री झुमरिया,
किने लादी वे तो दिजो रे।

उठो लालजी दातन माजो,
जीमो माखन रोटी,
गुम गई हो तो गुमवा दे,
थारे और गडा देउ मोटी रे,
म्हारा नन्दलाल री झुमरिया,
किने लादी वे तो दिजो रे।

मात यशोदा दहियो बिलोवे,
कृष्ण आंगने लोटे,
अणि झूमर रे कारणे,
म्हारो लाल आंगने लौटे रे,
म्हारा नन्दलाल री झुमरिया,
किने लादी वे तो दिजो रे।

जूनागढ़ में नरसी मेहतो,
रामजी ने ध्यावे,
कृष्ण कुंवर री झुमरडी ने,
बड़े प्रेम से गाई रे,
म्हारा नन्दलाल री झुमरिया,
किने लादी वे तो दिजो रे।

गांव तो बरसानो कहिये,
खोजी खोज लगाया,
चन्द्रसखी भज बाल की,
शोभा हरि चरणा गुण गाया रे,
म्हारा नन्दलाल री झुमरिया,
किने लादी वे तो दिजो रे।
 



कणी ने लादी वे तो दि जो कान्हा री झुमरिया || Jagdish Ji Vaishnav || Sawariya || Shivam Studio Gudli

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