संत द्वारे आया री लिरिक्स Sant Dware Aaya Ree Lyrics


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संत द्वारे आया री लिरिक्स Sant Dware Aaya Ree Lyrics

संत हमारी आत्मा,
हम संतों की देह,
संतों में हम यूं रमें,
ज्यो बादल में मेह।

संत हमारी आत्मा,
हम संतों की श्वाँस,
संतों में हम यूं रमें,
ज्यों फूलन में बास।

संत दुआरे आया री,
जोड़्या दोनों हाथ,
जोड़्या दोनों हाथ सखी री,
करुँ ज्ञान की बात।

सतगुरु आया शब्द सुनाया,
निज मन हो गया हाथ,
सत शब्द की सेण बताई,
माला जपू दिन रात।

जाके सतगुरु सदा साथ,
वाको नही कोई घात,
निज भक्ति को बीज रोप्यो,
राल्यो संत को खाद।

पांचों चोर पकड़ बस कीन्हा,
सतगुरु मारी लात,
कुकर्मों की जात बणाई,
ईश्वर की नही जात।

साहब कबीर म्हारे समरथ,
मिल गया नौत जिमाया भात,
धरमदास पर कृपा कीन्हीं,
मिल गया दीनानाथ।
 



संत द्वारे आया री | Sant Dvare Aaya Ri | Geeta Parag |

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