श्री गिरिराज वास मैं पाऊं
श्री गिरिराज वास मैं पाऊं
श्री गिरिराज वास मैं पाऊं,श्री गिरिराज वास मैं पाऊं,
ब्रज तज बैकुंठ ना जाऊं,
श्री गिरिराज वास मैं पाऊं,
ब्रज तज बैकुंठ ना जाऊं,
श्री गिरिराज वास मैं पाऊं,
श्री गिरिराज पाऊं,
श्री गिरिराज वास मैं पाऊं,
ब्रज तज बैकुंठ ना जाऊं।
विचरूं मैं लता पतन में,
गिरिराज तरहटी बन में,
आन्यौर जतीपुरा जन में,
कुंड गोवर्धन में,
कुंड के कर असनान,
करूं जलपान,
परयौ रहूं रज में,
जौ प्रभु बारंबार,
जनम मोहे ब्रज में,
जो कछु मिले प्रसाद,
पाय के गोविन्द के गुण गाउं,
ब्रज तज बैकुंठ ना जाऊं,
श्री गिरीराज वास मैं पाऊं,
ब्रज तज बैकुंठ ना जाऊं।
पक्षिन में मोर बनेयो,
कदमन में वास करैयो,
गिरवर पै नाच नचैयौ,
करुना करके कौह कैयौ,
झालर घंटन की घोट,
करूं सुन शोर,
शब्द शंखन के,
धारे मन मोहन,
मुकुट मोर पंखन के,
नेत्र सुफल जब होंय करूं,
दरसन निज हिय हरसाउं,
ब्रत बैकुंठ ना जाऊं,
श्री गिरीराज वास मैं पाऊं,
ब्रज तज बैकुंठ ना जाऊं।
पशु आदिक मोहे रचैयौ,
पर ब्रज को वास बसैयौ,
मानसी गंगा जल पड़यो,
रज में विश्राम करैयो,
निज मंदिर को कर वैल,
करूंगी टहल चलूं गाड़ी में,
मैं चरा करूं,
परिक्रमा की झाड़ी में,
गाड़ी में सामान प्रभु को,
लाद लाद के लाउं,
ब्रत बैकुंठ ना जाऊं,
श्री गिरीराज वास मैं पाऊं,
ब्रज तज बैकुंठ ना जाऊं।
जो कदंब मोहे किजौ,
तो श्याम ढाक में दीजौ,
दधि लूट लूट के लीजौ,
दौना भर भर भर के पीजौ,
मैं सदा करूं ब्रजवास,
रही आस प्रभु मेरे मन में,
निज जान दास मोय राख।
पास चरनन में,
घासीराम नाम रट,
छीतर बार बार समझाऊं,
ब्रत बैकुंठ ना जाऊं,
श्री गिरीराज वास मैं पाऊं,
ब्रज तज बैकुंठ ना जाऊं।
श्री गिरिराज वास में पाऊं,
ब्रज तज बैकुंठ ना जाऊं,
जय गिरधर गिरधर गोपाला,
जय गिरधर गिरधर गोपाला,
जय मुरली मनोहर नंदलाला,
जय मुरली मनोहर नंदलाला,
जय गिरधर गिरधर गोपाला,
जय गिरधर गिरधर गोपाला।
Heart touching bhajan by Brajwasi || shree giriraj vas me pau VIDEO MUSIC