उठो जवानो हम भारत के स्वाभिमान लिरिक्स Utho Jawano Hum Lyrics
उठो जवानो हम भारत के स्वाभिमान लिरिक्स Utho Jawano Hum Lyrics
उठो जवानो हम भारत के,स्वाभिमान सरताज़ है,
अभिमन्यु के रथ का पहिया,
चक्रव्यूह की मार है।
चमके कि ज्यों दिनकर चमका है,
उठे कि ज्यो तूफान उठे,
चले चाल मस्ताने गज सी,
हँसे कि विपदा भाग उठे।
हम भारत की तरुणाई है,
माता की गलहार है,
अभिमन्यु के रथ का पहिया,
चक्रव्यूह की मार है।
खेल कबड्डी कहकर,
पाले में न घुस पाये दुश्मन,
प्रतिद्वंदी से ताल ठोक कर,
कहो भाग जाओ दुश्मन,
मान जीजा के वीर शिवा हम,
राणा के अवतार है,
अभिमन्यु के रथ का पहिया,
चक्रव्यूह की मार है।
गुरु पूजा में एकलव्य हम
बैरागी के बाण है
लव कुश की हम प्रखर साधना
शकुंतला के प्राण है
चन्द्रगुप्त की दिग्विजयों के
हम ही खेवनहार है
अभिमन्यु के रथ का पहिया,
चक्रव्यूह की मार है।
गोरा बादल जयमल पत्ता,
भगत सिंह सुखदेव आज़ाद,
केशव की हम ध्येय साधना,
माधव बन होती आवाज़,
आज नहीं तो कल भारत के,
हम ही पहरेदार है,
अभिमन्यु के रथ का पहिया,
चक्रव्यूह की मार है।
उठो जवानों हम भारत के,
स्वाभिमान सरताज है,
अभिमन्यु के रथ का पहिया,
चक्रव्यूह मार है।