हरि नाम नहीं तो जीना क्या

हरि नाम नहीं तो जीना क्या

हरि नाम नहीं तो जीना क्या,
हरि नाम नहीं तो जीना क्या,
अमृत है हरि नाम जगत में,
इसे छोड़ विषय विष पीना क्या।

काल सदा अपने रस डोले,
ना जाने कब सर चढ़ बोले,
हर का नाम जपो निसवासर,
अगले समय पर समय ही ना।

हरि नाम नहीं तो जीना क्या,
अमृत है हरि नाम जगत में,
इसे छोड़ विषय विष पीना क्या।

भूषन से सब अंग सजावे,
रसना पर हरि नाम ना लावे,
देह पड़ी रह जावे यही पर,
फिर कुंडल और नगीना क्या।

हरि नाम नहीं तो जीना क्या,
अमृत है हरि नाम जगत में,
इसे छोड़ विषय विष पीना क्या।

तीर्थ है हरि नाम तुम्हारा,
फिर क्यूँ फिरता मारा मारा,
अंत समय हरि नाम ना आवे,
फिर काशी और मदीना क्या।

हरि नाम नहीं तो जीना क्या,
अमृत है हरि नाम जगत में,
इसे छोड़ विषय विष पीना क्या।

हरि नाम नहीं तो जीना क्या,
अमृत है हरि नाम जगत में,
इसे छोड़ विषय विष पीना क्या।
 

बिहारी जी का बहुत प्यारा भजन - हरि नाम नहीं तो जीना क्या | Radha Krishna Bhajan | Sadhvi Purnima Ji

श्री कृष्णा के श्याम रंग का कई अन्य अर्थ भी हैं। कुछ लोगों का मानना ​​है कि कृष्ण का श्याम रंग उनके करुणा और दया का प्रतीक है। अन्य लोगों का मानना ​​है कि कृष्ण का श्याम रंग उनके आध्यात्मिक ज्ञान का प्रतीक है।
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